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आवा के बारें में

आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन, संक्षिप्त में आवा, एक ऐसी संस्था है जो कि सेना कर्मियों की पत्नियों, बच्चों और आश्रितों के लिए काम करती है। इसे सही मायने में एक अदृश्य हाथ कहा जाता है जो भारतीय सेना के स्वरूप को आकार देती है। इस संस्था को 23 अगस्त 1966 को दिल्ली प्रशासन रजिस्ट्रार के साथ आधिकारिक तौर पर कल्याणकारी सोसाइटी के रूप में पंजीकृत किया गया। अपनी स्थापना के समय से लेकर अब तक आवा की पहुंच और दायरा निरंतर बढ़ता गया है और आज यह हमारे देश की सबसे बड़े स्वंयसेवी संस्थाओं में से एक के रूप में स्थापित हो चुकी है।

नोटः. सभी सेना कर्मियों की पत्नियाँ इसकी लाभार्थी हैं। हालांकि, आवा केवल कोर स्तर के ऊपर एक प्रतिष्ठित इकाई के रूप में मौजूद है। कोर स्तर के नीचे, आवा अपने परिवार कल्याण संगठनो ;थ्ॅव्द्ध के माध्यम से काम करती है।

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लक्ष्य

सेना में सैनिकों का कल्याण सर्वोपरि है। हमारा यह मानना है कि एक सैनिक अपने कर्तव्यों का निर्वाहन अच्छी तरह से तभी कर पाता है जब वह आश्वस्त होता है कि उसकी अनुपस्थिति में उसके परिवार का ध्यान रखा जा रहा है और हमेशा रखा जाएगा। इसलिए आवा का उद्देश्य भारतीय सेना द्वारा आधिकारिक तौर पर किए जा रहे कल्याणकारी प्रयासों में पूर्णतः सहयोग देना और साथ ही इनमें इजाफा भी करना है। इसमें मुख्.य रूप से सेना के सेवानिवृत्त कर्मियों सहित सभी रैंकों के परिवारों, बच्चों और विधवाओं के कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया गया है।


विधवाओं का पुनर्वासन

वीर नारियों (युद्ध विधवाओं) का ध्यान रखना आवा का मुख्य कार्य है। सेना की नौकरी की प्रवृत्ति के चलते, हर साल लगभग बारह सौ महिलाँए अपना सुहाग देश सेवा के लिए न्योछावर कर देती हैं। जहां संगठन द्वारा उनके बकाया और पेंशन का ध्यान रखा जाता है, वहीं आवा इन वीर नारियों को आवश्यक भावनात्मक और हर संभव सहयोग प्रदान करती है ताकि वह इस कठिन परिस्थिति का हिम्मत पूर्वक सामना कर पाने में सक्षम हो पाँए। इन वीर नारियों की दुविधाओं को संबोधित कर, उनका हल ढूंढने के लिए आवा निरंतर प्रयासरत रहती है। कोई वीर नारी कभी भी अपने आप को उपेक्षित महसूस ना करें, यह सुनिश्चित करने में आवा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

हम इसे कैसे करते हैं
  • मृत्यु के तुरंत बाद 15000 की अनुग्रह राशि आवा द्वारा वीर नारियों को दी जाती है।
  • वीर नारी जहां रहती है, उसके आधार पर सबसे निकटतम सेना की यूनिट उसको अपनाती है और उसकी सभी आवश्यकताओं की देखभाल करती है। यूनिट के वरिष्ठ अधिकारी की पत्नी उसकी हर संभव सहायता करने में अग्रसर रहती है। आवा, डीण् आईण् एण् वीण् (डेट ऑफ इंडियन आर्मी वेटरन्स) की सहायता से वीर नारियों का अभिलेख रखती है।
  • नियमित रूप से वीर नारियों से संपर्क स्थापित किया जाता है। जब कोई सैनिक वीरगति को प्राप्त होता है, तो आवा के अधिकारी उसकी पत्नी से मिलते हैं।
  • वीर नारियों को उनके बकाया और लाभों के बारे में अवगत कराया जाता है।
  • आवा वीर नारियों और सेना के बीच मध्यस्थता कर उनके मुद्दों का निपटारा करने में हर संभव मदद करती है।
  • वीर नारियों को आवा दिवस, रेजिमेंटल सम्मेलन और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए आमंत्रित किया जाता है।
  • वीर नारियों के लिए नियमित स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाते हैं। 
  • आवा वीर नारियों और उनके बच्चों के लिए शिक्षा अनुदान तथां बेटी की शादी के लिए राशि प्रदान करती है।
  • जब भी आवा  उपक्रमों में वैकेंसी निकलती है तो वीर नारियों और उनके बच्चों को वरीयता दी जाती है।

स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करना

आवा एक ऐसे समुदाय के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है जोकि अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहे और स्वेच्छा से एक स्वस्थ जीवन शैली को अपनाए। यह अपने सदस्यों को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक तौर पर स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित करती है। साथ ही उन्हें पर्यावरण से सामंजस्य स्थापित करने वाले तौर तरीकों को अपनाने के लिए भी बढ़ावा देती है।

हम इसे कैसे करते है
  • आवा और थ्ॅव्े सक्रिय रूप से अपनी कल्याणकारी सभाओं में लेक्चर, सेमिनार, वार्ता और नुक्कड़ नाटकों का नियमित आयोजन कर जीवन शैली से जुड़ी बीमारियों के बारे में जागरूक करते है।
  • आवा अपने सदस्यों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करती है जैसे प्रकृति की सैर, मैराथन, एरोबिक्स, योग और जुम्बा कक्षाएं।
  • यह भारत सरकार द्वारा संचालित अभियानों जैसे पल्स पोलियो अभियान, स्वच्छ भारत अभियान आदि में भाग लेती है।
  • यह नियमित रूप से स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन करती है।
  • यह वैवाहिक कलह और घरेलू हिंसा के मामलों के लिए परामर्श सेवा उपलब्ध कराती है।
  • यह अपनी जागरूकता अभियानों के तहत जल और बिजली के विवेकपूर्ण उपयोग के साथ-साथ सदस्यों को कचरा पृथक्करण, खाद बनाने एवं कचरा प्रबंधन के लिए प्रोत्साहित करती है।
  • आवा सैन्य अस्पतालों में रोगियों के कल्याण के लिए भी सक्रिय है।
  • आवा गर्भावस्था और प्रारंभिक बाल्यावस्था में देखभाल के बारे में महिलाओं को जागरूक करती है।
  • आवाए जो बच्चे सीखने में कठिनाई महसूस करते हैंए उन्हें व उनके अभिभावकों को पूर्ण सहयोग देती है और समावेशी शिक्षा के बारे में संवेदना एवं जागरूकता बढ़ाने में मदद करती है।

शिक्षा

सेना की नौकरी की प्रवृत्ति के चलते सैनिकों को अपने परिवार से लम्बे समय तक दूर रहना पड़ता है। ऐसी स्थिति में अक्सर महिलाएं अकेले ही घर और बच्चों की देखभाल करती है। बारंबार स्थानांतरण के कारण महिलाओं को नौकरी पाने या लम्बी अवधि के कोर्स करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए आवा उनकी निहित प्रतिभा को उजागर करने, उसे और निखारने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहती है। यह अपने सदस्यों को जागरूक, प्रतिभावान व आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

हम इसे कैसे करते हैं
  • आवा तमाम सैन्य स्टेशनों पर व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र ;टवबंजपवदंस ज्तंपदपदह ब्मदजतमेद्ध चलाती है। यह केंद्र महिलाओं को बहुत से लघु कोर्स करने का अवसर प्रदान करते हैं। कुछ लोकप्रिय कोर्स हैं-नर्सरी टीचर्स ट्रेनिंग, ब्यूटीशियन और सिलाई कोर्स।
  • कुछ स्टेशनों में आवा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत, सेना कौशल प्रशिक्षण केंद्र चलाती है। यह प्रशिक्षण केंद्र महिलाओं को सरकार द्वारा मान्यता एवं वित्त पोषित कोर्स करवाते हैं।
  • वर्तमान में, संपूर्ण देश में, विशेष बच्चों के लिए 37 आशा स्कूल संचालित हैं। 
  • विषेश बच्चों के लिए ’विश्वास’ एक व्यावसायिक प्रषिक्षण संस्थान है जो आवा के द्वारा चलाया जा रहा है।
  • कई स्टेषनों पर आवा महिलाओं और बच्चों के लिए होबी कोर्स चलाती है।
  • आवा महिलाओं को जीवन कौशल प्रशिक्षण भी देती है, जैसे बैंक खाता खोलना, एण्टीण्एम कार्ड इस्तेमाल करना, रेलवे टिकट बुकिंग करना आदि।

सषक्तिकरण
हम इसे कैसे करते है।
  • आवा अपने सदस्यों की प्रतिभा को निखारने के लिए प्रतिबद्ध है। यह अपने लाभार्थियों के लिए, विषेश रूप से वीर नारियों के लिए, सीखने और कमाई के अवसर पैदा करने का प्रयास करती है। यह बालिकाओं की जरूरतों के प्रति भी संवेदनषील है।
  • आवा कई सैन्य स्टेषनों में आउटलेट ;बिक्री केन्द्र्रद्ध चलाती है। ये मूल रूप से उचित मूल्य की उपहार की दुकानें हैं जो सैन्य छावनियों के अन्दर रहने वाले परिवारों की जरूरतों को पूरा करती है। इन बिक्री केन्द्र्रों में सेल्स स्टाफ को नियुक्त करते समय वीर नारियों और उनके आश्रितों को वरीयता दी जाती है। महिलाओं और विषेश बच्चों द्वारा बनाये गये दस्तकारी उत्पाद इन केंद्रो में गौरव का स्थान पाते हैं। 
  • सैन्य परिसरों में आवा द्वारा ब्यूटी पार्लर चलाये जाते हैं। इन पार्लरों में वीर नारियों और टज्ब्ध् ।ैज्ब् स्नातकों को रोजगार दिया जाता है।
  • आवा बड़े स्टेषनों में महिला छात्रावास चलाती है ताकि हमारी बेटियाँ सुरक्षित वातावरण में उच्चतर शिक्षा प्राप्त कर सकें।
  • आवा प्रतिवर्श विधवाओं और उनके बच्चों को षिक्षा अनुदान प्रदान करती है तथा योग्य छात्रोें को छात्रवृत्ति भी देती है।
  • आवा विधवाओं के आश्रितांे के लिए विवाह अनुदान भी देती है।
  • यह गंभीर रूप से अपंग व असक्षम हुए सैनिकों की पत्नियों को सिलाई मशीन खरीदने के लिए अनुदान देती है।
  • आवा अपने सदस्यों की कर्तव्यपराणयता, निष्टा  और निःस्वार्थ सेवा भाव को सराहने हेतु उन्हें उत्कृष्टता पुरुस्कार से सम्मानित करती है। 
  • यह स्कूली बच्चों को षिक्षा के क्षेत्र में अच्छे प्रदर्षन के लिए पुरस्कार प्रदान करती है।
  • आवश्यकता पड़ने पर, आवा राश्ट्रीय आपदा राहत में भी योगदान देती है।